जीत पक्की
हार नहीं मानना
पर एक दिन प्रेक्टिस करते समय राधिका का पैर मुड़ गया जिसकी वजह से उसका पैर फ्रेक्चर हो गया जिससे कि राधिका को तीन महिनों के लिए बेड रेस्ट करना को डाक्टर ने कहा और अंतराष्ट्रीय चैपिंयनशिप में राधिका भाग नहीं ले सकती थी और डाक्टर ने साफ कह दिया था। कि रााधिका अगर फिर से बैडंिमटन खेलेगी तो वह कभी पैरो पर नहीं चल पायेगी क्योकि रााधिका के पैरो में राड डाली गयी थी ।
इस घटना के बाद से राधिका हमेशा उदास रहने लगी और वह किसी से नहीं बोलती थी जिससे सब राधिका के लिए परेशान थे। और वह घर से बहार भी नहीं निकलती थी। राधिका की कॉलोनी में मि शर्मा रहते थे जो कि रोज राधिका को सुबह शाम बैडमिंटन खेलते देखते थे, पर कुछ दिनों से राधिका बैडमिंटन खेलते नहीं दिखी तो उन्हे लगा कि राधिका कही बहार गई है पर एक दिन राधिका के पापा और मिस्टर शर्मा बाजार में मिले तो पर बातो बातो में मिस्टर शर्मा ने राधिका के बारे में पुछा तो राधिका के पापा ने सब बात बताई तो उन्हे बहुत दुख हुआ ।
फिर मिस्टर शर्मा की ऑखो में एक चमक आई और उन्होंने राधिका के पापा से कहा की मै राधिका को समझाउगा फिर रााधिका के पापा के साथ मिस्टर शर्मा भी राधिका से मिले मिस्टर शर्मा ने राधिका से हालचान पुछे और उदास होने का कारण पुछा वैसे तो मिस्टर शर्मा को कारण पता था। पर वह राधिका से जानना चाहते थे पहले तो राधिका ने कुछ नहीं कहा पर फिर उसकी ऑखों से आसू बहने लगे
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